PM E-Drive Scheme (पीएम ई-ड्राइव योजना) भारत सरकार की एक नई पहल है। यह इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए है। इसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण में मदद करना है।
इस योजना के तहत, इलेक्ट्रिक दो-पहिया वाहन, तीन-पहिया वाहन, एम्बुलेंस, ट्रक और बसें शामिल हैं। इसके अलावा, चार्जिंग सुविधाओं को विकसित करने पर भी काम किया जाएगा।

क्या है पीएम ई-ड्राइव योजना?
पीएम ई-ड्राइव योजना एक नई सरकारी योजना है। इसका मकसद है इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग बढ़ाना। यह पर्यावरण संरक्षण में भी मदद करेगी।
यह योजना इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए प्रोत्साहन देगी। साथ ही, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को भी विकसित करने पर ध्यान देगी।
सरकार द्वारा घोषित नई योजना
पीएम ई-ड्राइव योजना एक नई योजना है। इसका उद्देश्य भारत में इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति को बढ़ावा देना है।
इस योजना के तहत, सरकार इलेक्ट्रिक दोपहिया और तीनपहिया वाहनों पर सब्सिडी देगी। इससे उनकी पहुंच और सुलभता बढ़ेगी।

वाहन प्रकार | पहला वर्ष सब्सिडी | दूसरा वर्ष सब्सिडी |
---|---|---|
इलेक्ट्रिक दो-पहिया वाहन | ₹10,000 | ₹2,500 प्रति kWh |
इलेक्ट्रिक तीन-पहिया वाहन (L5 श्रेणी) | ₹50,000 | ₹25,000 |
इलेक्ट्रिक ई-रिक्शा | ₹25,000 | ₹12,500 |
इस योजना के तहत, इलेक्ट्रिक दो-पहिया वाहन खरीदारों को ₹10,000 की सब्सिडी मिलेगी। इलेक्ट्रिक तीन-पहिया वाहन खरीदारों को ₹50,000 की सब्सिडी मिलेगी। यह सब्सिडी 31 मार्च, 2026 तक उपलब्ध रहेगी।
PM E-Drive Scheme के लिए बजट आवंटन
भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए ‘पीएम ई-ड्राइव’ योजना शुरू की है। इस योजना के लिए सरकार ने कुल 10,900 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। यह बजट विभिन्न इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद, चार्जिंग सुविधाओं का विकास और आधुनिक परीक्षण एजेंसियों के लिए है।
2 वर्षों का बजट आवंटन
पीएम ई-ड्राइव स्कीम के लिए बजट 1 अक्टूबर, 2024 से 31 मार्च, 2026 तक है। इस दो वर्षों में, सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बड़े प्रोत्साहन देगी। इससे देश में इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति को तेजी मिलेगी।

वाहन वर्ग | सब्सिडी राशि | लाभान्वित होने वाले वाहन |
---|---|---|
इलेक्ट्रिक दो-पहिया वाहन | 10,000 रुपये प्रति वाहन | 24.79 लाख |
इलेक्ट्रिक तीन-पहिया वाहन | 50,000 रुपये प्रति वाहन | 3.16 लाख |
इलेक्ट्रिक बस | – | 14,028 बस |
इस योजना से हर वर्ग के लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने में मदद मिलेगी। इससे इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में बड़ा बदलाव होगा।
योजना के प्रमुख घटक
पीएम ई-ड्राइव योजना में इलेक्ट्रिक दो-पहिया, तीन-पहिया, एम्बुलेंस, ट्रक और बसों के लिए प्रोत्साहन शामिल हैं। चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और परीक्षण एजेंसियों के आधुनिकीकरण पर भी काम किया जा रहा है। सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने का प्रयास कर रही है।
वाहन वर्ग | पहले साल की सब्सिडी | दूसरे साल की सब्सिडी |
---|---|---|
इलेक्ट्रिक दोपहिया | ₹10,000 तक | ₹5,000 तक |
इलेक्ट्रिक तीनपहिया | ₹50,000 | ₹25,000 |
इलेक्ट्रिक एम्बुलेंस | ₹500 करोड़ की पूंजी | – |
इलेक्ट्रिक ट्रक | ₹500 करोड़ की पूंजी | – |
इलेक्ट्रिक बस | ₹4,391 करोड़ की पूंजी (14,028 बसें) | – |
योजना में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 22,100 तेज चार्जर लगाने और परीक्षण एजेंसियों को आधुनिक बनाने पर ₹780 करोड़ खर्च किया जाएगा। सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियों के उपयोग और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है।

“पीएम ई-ड्राइव योजना 2024 का उद्देश्य पर्यावरण-अनुकूल और सस्ते इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना है, जो एक स्वच्छ और स्वस्थ भविष्य की ओर ले जाएगा।”
इलेक्ट्रिक दो-पहिया वाहनों के लिए प्रोत्साहन
भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक दो-पहिया वाहनों को बढ़ावा देने के लिए एक योजना शुरू की है। इस योजना के तहत, 24.79 लाख इलेक्ट्रिक दो-पहिया वाहनों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
उन्नत बैटरी वाले वाहनों को प्राथमिकता
इस योजना में, उन्नत बैटरी वाले इलेक्ट्रिक दो-पहिया वाहनों को प्राथमिकता दी जाएगी। यह इलेक्ट्रिक दो-पहिया वाहन प्रोत्साहन को बढ़ावा देगा और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में सुधार करेगा।
इस योजना के तहत, इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए सब्सिडी भी दी जाएगी। शुरुआत में, प्रति किलोवाट-घंटा 5,000 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। दूसरे वर्ष में, यह घटकर 2,500 रुपये हो जाएगी।
वाहन प्रकार | लक्ष्य (लाख में) |
---|---|
इलेक्ट्रिक दो-पहिया वाहन | 24.79 |
इलेक्ट्रिक तीन-पहिया वाहन | 3.16 |
इलेक्ट्रिक बस | 14,028 |
इस योजना के तहत, इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए व्यक्तिगत खरीदार अधिकृत विक्रेताओं या एजेंसियों के माध्यम से ऑनलाइन या ऑफलाइन बुकिंग कर सकते हैं। खरीद के बाद, सब्सिडी रकम सीधे खरीदार के बैंक खाते में अंतरित की जाएगी।

इस प्रकार, इलेक्ट्रिक दो-पहिया वाहन प्रोत्साहन योजना भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों के लिए प्रोत्साहन
पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत, इलेक्ट्रिक तीन-पहिया वाहनों को बढ़ावा दिया जाएगा। इस योजना में 3.16 लाख वाहनों को सब्सिडी दी जाएगी। यह इलेक्ट्रिक तीन-पहिया वाहन खरीदने वालों को प्रोत्साहित करेगा।
लाख वाहनों के लिए सब्सिडी
इलेक्ट्रिक तीन-पहिया वाहन खरीदारों को सब्सिडी मिलेगी। पहले वर्ष में सब्सिडी 25,000 रुपये होगी। दूसरे वर्ष में यह 12,500 रुपये हो जाएगी।
यह सब्सिडी इलेक्ट्रिक तीन-पहिया वाहनों की बिक्री बढ़ाएगी। लोगों को भी इन वाहनों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
वाहन श्रेणी | पहले वर्ष की सब्सिडी | दूसरे वर्ष की सब्सिडी |
---|---|---|
इलेक्ट्रिक तीन-पहिया वाहन | 25,000 रुपये | 12,500 रुपये |
इलेक्ट्रिक कार्गो तीन-पहिया वाहन (L5 श्रेणी) | 50,000 रुपये | 25,000 रुपये |
इलेक्ट्रिक तीन-पहिया वाहन खरीदने पर मिलने वाली प्रोत्साहन राशियों से लोगों को काफी लाभ होगा। यह योजना इलेक्ट्रिक तीन-पहिया वाहन प्रोत्साहन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

इलेक्ट्रिक एम्बुलेंस के लिए प्रोत्साहन
पीएम ई-ड्राइव योजना इलेक्ट्रिक एम्बुलेंस को बढ़ावा देगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर, एम्बुलेंस के लिए मानक तय किए जाएंगे। पर्यावरण हितैषी प्रौद्योगिकी को बढ़ावा मिलेगा और इलेक्ट्रिक एम्बुलेंस का उपयोग भी बढ़ेगा。
इस योजना के लिए, 500 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। यह आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं में इलेक्ट्रिक एम्बुलेंस को प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
योजना के तहत, इलेक्ट्रिक एम्बुलेंस खरीदने पर 30,000 रुपये तक का सब्सिडी दिया जाएगा। इलेक्ट्रिक एम्बुलेंस की खरीद और उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। यह स्वास्थ्य सेवाओं में नवीनतम प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में मदद करेगा और पर्यावरण को भी संरक्षित करेगा।
“पीएम ई-ड्राइव योजना में इलेक्ट्रिक एम्बुलेंस को प्रोत्साहित करना स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल पर्यावरण को लाभ पहुंचाएगा, बल्कि आपातकालीन सेवाओं में भी बेहतर और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करेगा।”
इस प्रकार, इलेक्ट्रिक एम्बुलेंस प्रोत्साहन पीएम ई-ड्राइव योजना का एक महत्वपूर्ण घटक है। यह स्वास्थ्य क्षेत्र में नवीनतम प्रौद्योगिकी के अपनाव को बढ़ावा देगा और इलेक्ट्रिक एम्बुलेंस के लिए सब्सिडी प्रदान करेगा।

इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए प्रोत्साहन
पीएम ई-ड्राइव योजना इलेक्ट्रिक ट्रकों को बढ़ावा देगी। पुराने ट्रकों को बदलकर इलेक्ट्रिक ट्रकों का उपयोग करने पर भी प्रोत्साहन मिलेगा। इससे पर्यावरण संरक्षण और इलेक्ट्रिक ट्रकों की संख्या बढ़ेगी।
पुराने ट्रकों के स्क्रैपिंग पर अतिरिक्त प्रोत्साहन
पुराने ट्रकों को स्क्रैप करने पर अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जाएगा। यह लोगों को प्रेरित करेगा कि वे पुराने ट्रकों को बदलें। इससे पर्यावरण संरक्षण और इलेक्ट्रिक ट्रकों की संख्या बढ़ेगी।

इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए प्रोत्साहन के अलावा, पुराने ट्रकों को स्क्रैप करने पर भी प्रोत्साहन होगा। यह योजना इलेक्ट्रिक ट्रकों की संख्या बढ़ाएगी और पर्यावरण संरक्षण में मदद करेगी।
“पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत, इलेक्ट्रिक ट्रकों को प्रोत्साहित करने और पुराने ट्रकों को स्क्रैप करने पर अतिरिक्त प्रोत्साहन देकर सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है।”
इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए प्रोत्साहन
पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत, सरकार ने इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए 14,028 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। इन बसों का परिचालन प्राथमिकता के आधार पर देश के नौ प्रमुख शहरों में किया जाएगा। इन शहरों की जनसंख्या 40 लाख से अधिक है।
इस योजना से सार्वजनिक परिवहन में बदलाव आएगा। यह पर्यावरण संरक्षण में भी मदद करेगा।
इस योजना के अंतर्गत, राज्य परिवहन विभाग और सार्वजनिक परिवहन एजेंसियों को 10 वर्षों तक की मासिक भुगतान व्यवस्था के आधार पर इलेक्ट्रिक बसें खरीदने के लिए 3,435 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इससे बड़े शहरों में इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन को बढ़ावा मिलेगा।
योजना के घटक | लाभ |
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इलेक्ट्रिक बसों की खरीद | 14,028 इलेक्ट्रिक बसों के लिए 4,391 करोड़ रुपये का बजट |
प्रमुख शहरों में परिचालन | देश के नौ प्रमुख शहरों में 40 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में परिचालन |
बस खरीद के लिए 10 वर्ष का भुगतान | 3,435 करोड़ रुपये का बजट आवंटित |
इन प्रोत्साहनों से इलेक्ट्रिक बस प्रोत्साहन को बढ़ावा मिलेगा। बड़े शहरों में इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन सुनिश्चित होगा। साथ ही, पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी।

चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास
पीएम ई-ड्राइव योजना इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने पर केंद्रित है। इस योजना के तहत 22,100 तेज चार्जर लगाने का लक्ष्य है। यह इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा। इनमें इलेक्ट्रिक बसों, दो और तीन पहिया वाहनों के लिए भी सुविधा होगी।
22,100 तेज चार्जर स्थापित करने का लक्ष्य
पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत देशभर में 22,100 तेज चार्जर लगाने का लक्ष्य है। ये चार्जर इलेक्ट्रिक वाहन उपयोगकर्ताओं के लिए बहुत उपयोगी होंगे। वे अपने वाहनों को जल्दी से चार्ज कर सकेंगे।
बसों और दो/तीन पहिया वाहनों के लिए चार्जर
इन तेज चार्जरों में इलेक्ट्रिक बसों, दो और तीन पहिया वाहनों के लिए भी सुविधा होगी। इससे इन वाहनों के उपयोगकर्ताओं को भी फायदा होगा। इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग बढ़ेगा।
प्रमुख पहलू | विवरण |
---|---|
तेज चार्जर स्थापित करने का लक्ष्य | 22,100 |
चार्जिंग स्टेशन प्रकार | बसों और दो/तीन पहिया वाहनों के लिए |
कुल बजट आवंटन | ₹2,000 करोड़ |
पीएम ई-ड्राइव योजना में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया है। इस योजना से देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग की सुविधा में सुधार होगा।

परीक्षण एजेंसियों का आधुनिकीकरण
पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत, सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर ध्यान दिया है। 780 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
इस निवेश से परीक्षण एजेंसियों का आधुनिकीकरण होगा। इलेक्ट्रिक वाहनों के परीक्षण और मूल्यांकन के लिए समर्पित बुनियादी ढांचा तैयार होगा। इससे गुणवत्ता सुनिश्चित होगी और इलेक्ट्रिक वाहन प्रौद्योगिकी को समर्थन मिलेगा।
इस प्रकार, पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत परीक्षण एजेंसियों के आधुनिकीकरण से इलेक्ट्रिक वाहनों की गुणवत्ता में सुधार होगा। भारत का इलेक्ट्रिक वाहन पारिस्थितिकी तंत्र मजबूत होगा।
FAQ
क्या है पीएम ई-ड्राइव योजना?
पीएम ई-ड्राइव योजना भारत सरकार की एक योजना है। इसका उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना है। यह पर्यावरण संरक्षण में भी मदद करती है।
इस योजना के तहत, इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन मिलेगा। इसमें दो-पहिया, तीन-पहिया, एम्बुलेंस, ट्रक और बसें शामिल हैं।
पीएम ई-ड्राइव योजना के लिए कितना बजट आवंटित किया गया है?
सरकार ने इस योजना के लिए 10,900 करोड़ रुपये का बजट दिया है। यह बजट दो वर्षों के लिए है। 1 अक्टूबर, 2024 से 31 मार्च, 2026 तक काम होगा।
पीएम ई-ड्राइव योजना के प्रमुख घटक कौन-कौन से हैं?
इस योजना के मुख्य घटक इलेक्ट्रिक वाहन हैं। इसमें दो-पहिया, तीन-पहिया, एम्बुलेंस, ट्रक और बसें शामिल हैं।
चार्जिंग सुविधाओं का विकास भी किया जाएगा। साथ ही, परीक्षण एजेंसियों को आधुनिक बनाने पर भी काम किया जाएगा।
इलेक्ट्रिक दो-पहिया वाहनों के लिए क्या प्रोत्साहन दिया जा रहा है?
इलेक्ट्रिक दो-पहिया वाहनों के लिए 24.79 लाख वाहनों को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्नत बैटरी वाले वाहनों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी।
इलेक्ट्रिक तीन-पहिया वाहनों के लिए क्या प्रोत्साहन प्रदान किया जा रहा है?
इलेक्ट्रिक तीन-पहिया वाहनों के लिए 3.16 लाख वाहनों को प्रोत्साहन मिलेगा। सब्सिडी के रूप में प्रोत्साहन दिया जाएगा।
इलेक्ट्रिक एम्बुलेंसों के लिए क्या प्रोत्साहन है?
इलेक्ट्रिक एम्बुलेंसों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर एम्बुलेंस के लिए मानक तय किए जाएंगे।
इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए क्या प्रोत्साहन दिया जा रहा है?
इलेक्ट्रिक ट्रकों को प्रोत्साहित किया जाएगा। पुराने ट्रकों को स्क्रैप करने पर भी अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जाएगा।
इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए क्या प्रावधान है?
14,028 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए 4,391 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। इन बसों का उपयोग देश के नौ प्रमुख शहरों में किया जाएगा।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए क्या किया जा रहा है?
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। 22,100 तेज चार्जर स्थापित करने का लक्ष्य है।
परीक्षण एजेंसियों के आधुनिकीकरण के लिए क्या प्रावधान है?
इलेक्ट्रिक वाहनों के परीक्षण के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाएगा। 780 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।