झारखंड सरकार ने “झारखंड मिलेट मिशन योजना” शुरू की है। यह योजना अनाज की खेती को बढ़ावा देने के लिए है।
इस योजना के तहत, किसानों को मोटे अनाज की खेती के लिए मदद मिलेगी। इसमें रागी, लज्जवंती, मंडुवा, बाजरा, कोदो और जंगोरा शामिल हैं।

झारखंड मिलेट मिशन योजना क्या है?
झारखंड सरकार ने “झारखंड मिलेट मिशन योजना” शुरू की है। यह योजना किसानों को मोटे अनाज उगाने के लिए प्रोत्साहित करती है। उन्हें आर्थिक मदद भी दी जाती है।
इस योजना के तहत, किसान मोटे अनाज जैसे रागी, बाजरा, और कोदो उगा सकते हैं। उन्हें वित्तीय सहायता मिलती है।
आर्थिक सहायता की राशि
किसानों को भूमि के हिसाब से आर्थिक मदद मिलती है। 1 एकड़ भूमि वाले को 3,000 रुपये मिलते हैं।
2 एकड़ वाले को 6,000 रुपये और 3 एकड़ वाले को 9,000 रुपये मिलते हैं। 4 एकड़ वाले को 12,000 रुपये और 5 एकड़ वाले को 15,000 रुपये मिलते हैं।
भूमि का आकार | आर्थिक सहायता |
---|---|
1 एकड़ | ₹3,000 |
2 एकड़ | ₹6,000 |
3 एकड़ | ₹9,000 |
4 एकड़ | ₹12,000 |
5 एकड़ | ₹15,000 |
इस योजना का मकसद छोटे और सीमांत किसानों की मदद करना है। यह उन्हें मोटे अनाज उगाने के लिए प्रोत्साहित करती है।
इसका उद्देश्य उनकी आय बढ़ाना और उनकी स्थिति सुधारना है।
योजना के तहत कवर किए जाने वाले प्रमुख मिलेट्स
झारखंड मिलेट मिशन योजना के तहत, राज्य के किसानों को विभिन्न मोटे अनाजों की खेती के लिए मदद मिलेगी। इसमें रागी, लज्जवंती (फॉक्सटेल बाजरा), मंडुवा, बाजरा, कोदो और जंगोरा शामिल हैं।
रागी
रागी में पोषक तत्वों की भरमार है। किसानों को प्रति एकड़ 10,500 रुपये की मदद मिलेगी। इसकी खेती कम पानी और कम देखभाल की जरूरत है।
लज्जवंती (फॉक्सटेल बाजरा)
लज्जवंती या फॉक्सटेल बाजरा भी महत्वपूर्ण है। इसके लिए किसानों को प्रति एकड़ 11,250 रुपये मिलेंगे। यह मिलेट पोषक तत्वों से भरपूर है और कम पानी की जरूरत है।
मंडुवा
मंडुवा भी एक महत्वपूर्ण मिलेट है। इसके लिए किसानों को प्रति एकड़ 8,800 रुपये दिए जाएंगे। इसमें भी पोषक तत्वों की भरमार है।
बाजरा
बाजरा एक लोकप्रिय मिलेट है। इसकी खेती के लिए 11,250 रुपये प्रति एकड़ मदद मिलेगी। बाजरा लंबे समय तक संग्रहीत किया जा सकता है और पोषक गुणों से भरपूर है।
कोदो और जंगोरा
कोदो और जंगोरा भी योजना के तहत शामिल हैं। ये मिलेट्स कम पानी की जरूरत और अधिक पोषक तत्वों से भरपूर हैं।
इन मिलेट्स की खेती किसानों के लिए फायदेमंद होगी। ये पोषक तत्वों से भरपूर हैं और कम पानी की मांग करते हैं। सरकार द्वारा दी जाने वाली आर्थिक सहायता भी किसानों को प्रोत्साहित करेगी।

मिलेट्स | प्रति एकड़ आर्थिक सहायता |
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रागी | 10,500 रुपये |
लज्जवंती (फॉक्सटेल बाजरा) | 11,250 रुपये |
मंडुवा | 8,800 रुपये |
बाजरा | 11,250 रुपये |
झारखंड मिलेट मिशन योजना के उद्देश्य
झारखंड मिलेट मिशन योजना का मुख्य उद्देश्य है कि राज्य के किसानों को मोटे अनाज की खेती के लिए प्रोत्साहित करना। उन्हें आर्थिक सहायता भी दी जाती है।
इस योजना का लक्ष्य है कि किसानों की आय बढ़े। साथ ही, राज्य में मोटे अनाज की उत्पादन क्षमता भी बढ़े।
योजना के तहत, किसानों को विभिन्न मोटे अनाजों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसमें रागी, लज्जवंती और बाजरा जैसे अनाज शामिल हैं।
इस तरह, किसानों की आय बढ़ेगी। साथ ही, राज्य में मोटे अनाजों की खेती को भी बढ़ावा मिलेगा।
झारखंड सरकार किसानों को 1 एकड़ से 5 एकड़ तक की भूमि के लिए वित्तीय सहायता देती है। ₹3,000 से ₹15,000 तक की सहायता दी जाती है।
यह सहायता किसानों को मोटे अनाज के उत्पादन में मदद करती है।
इस योजना का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को प्रोत्साहित करना है। उनकी आय बढ़ाने और मोटे अनाज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए।
योजना के तहत, किसानों को उनकी भूमि के आकार के अनुसार सहायता मिलती है। 1 एकड़ के लिए ₹3,000 और 5 एकड़ के लिए ₹15,000 तक की सहायता दी जाती है।
यह सहायता किसानों को मोटे अनाज की खेती करने के लिए प्रोत्साहन देती है। उनकी आय में वृद्धि होती है।
झारखंड सरकार का लक्ष्य है कि अगले पांच वर्षों में 5 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में मोटे अनाजों की खेती बढ़ाएं। यह योजना राज्य के सभी 24 जिलों में लागू की जाएगी।
झारखंड में मिलेट की खेती का महत्व
झारखंड की जलवायु मिलेट की खेती के लिए बहुत उपयुक्त है। यहां के मिलेट्स जैसे रागी, लज्जवंती, मंडुवा, बाजरा और कोदो पोषक तत्वों से भरपूर हैं। इन्हें कम पानी की जरूरत होती है। इसलिए, झारखंड में मिलेट की खेती को बढ़ावा देना बहुत महत्वपूर्ण है।
लाभकारी जलवायु
झारखंड राज्य की जलवायु मिलेट की खेती के लिए अनुकूल है। यहां पर मानसून के दौरान पर्याप्त वर्षा होती है। यह मिलेट की खेती के लिए आवश्यक है। साथ ही, मिलेट्स कम जल की मांग करते हैं, जो इस क्षेत्र के लिए उपयुक्त है।
पोषक तत्वों से भरपूर
मिलेट अन्य अनाजों की तुलना में पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। रागी, कोदो और बाजरा में प्रोटीन, कैल्शियम, लौह, मैग्नीशियम और बी-कॉम्प्लेक्स वितामिन पाए जाते हैं। इन मिलेट्स का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है।

“मिलेट्स पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और कम जल की आवश्यकता होती है, इसलिए झारखंड में मिलेट की खेती को बढ़ावा देना बहुत महत्वपूर्ण है।”
पात्रता मानदंड
झारखंड मिलेट मिशन योजना का लाभ पाने के लिए कुछ शर्तें हैं। इसमें शामिल हैं 1 एकड़ से 5 एकड़ तक की भूमि और सरकारी नौकरी या आयकर दाता नहीं होना।
इस योजना के तहत, किसानों को वित्तीय सहायता मिलेगी। 1 एकड़ जमीन वाले किसानों को ₹3,000 मिलेंगे। 5 एकड़ वाले किसानों को ₹15,000 तक मिल सकता है।
भूमि का क्षेत्रफल | वित्तीय सहायता |
---|---|
1 एकड़ | ₹3,000 |
2 एकड़ | ₹6,000 |
3 एकड़ | ₹9,000 |
4 एकड़ | ₹12,000 |
5 एकड़ | ₹15,000 |
योजना में भाग लेने के लिए, कुछ दस्तावेज देने होंगे। इसमें आधार कार्ड, राशन कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, जमीन की रसीद, और बैंक पासबुक शामिल हैं। इसके अलावा, ₹40 का भुगतान भी करना होगा।
आर्थिक सहायता की राशि
झारखंड मिलेट मिशन योजना के तहत, किसानों को प्रति एकड़ के आधार पर 3,000 रुपये से 15,000 रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह सहायता उन्हें बीज, कीटनाशक दवाएं, खाद और अन्य आवश्यक कृषि उपकरण खरीदने में मदद करेगी।
भूमि के आकार | आर्थिक सहायता की राशि |
---|---|
1 एकड़ तक | 3,000 रुपये |
1-3 एकड़ | 9,000 रुपये |
3-5 एकड़ | 15,000 रुपये |
योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को मिलेट की खेती में आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इससे उन्हें अपनी आय बढ़ाने और किफायती तरीके से खेती करने में मदद मिलेगी।

इस प्रकार, झारखंड मिलेट मिशन योजना किसानों को आर्थिक सहायता, प्रति एकड़ के आधार पर 3,000 रुपये से 15,000 रुपये तक देती है। यह उन्हें मिलेट की खेती करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
आवश्यक दस्तावेज
झारखंड मिलेट मिशन योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को कुछ दस्तावेज जमा करने होंगे। इसमें आधार कार्ड, राशन कार्ड, मोबाइल नंबर, जमीन का विवरण और बैंक पासबुक शामिल हैं।
इन दस्तावेजों के साथ, किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। योजना के तहत, 1 एकड़ से 5 एकड़ तक भूमि के लिए 3,000 रुपये से 15,000 रुपये तक की सहायता मिलेगी।
भूमि का आकार | प्रति एकड़ आर्थिक सहायता |
---|---|
1 एकड़ | 3,000 रुपये |
2 एकड़ | 6,000 रुपये |
3 एकड़ | 9,000 रुपये |
4 एकड़ | 12,000 रुपये |
5 एकड़ | 15,000 रुपये |
इन दस्तावेजों के साथ, किसान ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करेंगे। इसके बाद, उनकी पात्रता की जाँच की जाएगी। फिर, योजना का लाभ दिया जाएगा।
“झारखंड मिलेट मिशन योजना किसानों को मोटे अनाज की खेती के लिए प्रोत्साहित करने और आर्थिक सहायता प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।”
झारखंड मिलेट मिशन योजना के लाभ
झारखंड में किसानों को मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के लिए झारखंड मिलेट मिशन योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। यह उनकी आय में वृद्धि करने में मदद करेगी।
इस योजना से किसानों को अपनी खेती में कोई आर्थिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
योजना के प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:
- मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा मिलेगा: इस योजना से झारखंड में मोटे अनाज की खेती को प्रोत्साहन मिलेगा। राज्य की कृषि उत्पादकता में वृद्धि होगी।
- किसानों की आय में वृद्धि: किसानों को मिलने वाली आर्थिक सहायता से उनकी आय में वृद्धि होगी। उनका जीवनस्तर सुधरेगा।
- किसानों को बिना किसी परेशानी के खेती करने में मदद: इस योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता से किसान अपनी खेती में किसी भी प्रकार की आर्थिक परेशानी का सामना नहीं करेंगे।
- किसानों की आजीविका में सुधार: इस योजना से झारखंड के किसानों की आजीविका में सुधार आएगा। उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।
इस प्रकार, झारखंड मिलेट मिशन योजना किसानों को कई तरह के लाभ प्रदान करती है। यह राज्य में मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

लाभ | विवरण |
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मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा | झारखंड में मोटे अनाज की खेती को प्रोत्साहन मिलेगा। राज्य की कृषि उत्पादकता में वृद्धि होगी। |
किसानों की आय में वृद्धि | किसानों को मिलने वाली आर्थिक सहायता से उनकी आय में वृद्धि होगी। उनका जीवनस्तर सुधरेगा। |
किसानों को बिना परेशानी के खेती करने में मदद | इस योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता से किसान अपनी खेती में किसी भी प्रकार की आर्थिक परेशानी का सामना नहीं करेंगे। |
किसानों की आजीविका में सुधार | इस योजना से झारखंड के किसानों की आजीविका में सुधार आएगा। उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। |
आवेदन प्रक्रिया
झारखंड मिलेट मिशन योजना के लाभ प्राप्त करने के लिए, किसान ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। यह योजना किसानों को मोटे अनाज की खेती के लिए प्रोत्साहित करती है। इसके साथ ही, यह आर्थिक सहायता भी प्रदान करती है।
आवेदन करने के लिए, किसानों को कुछ दस्तावेज जमा करने होंगे। इसमें आधार कार्ड, राशन कार्ड, मोबाइल नंबर, जमीन का विवरण और बैंक पासबुक शामिल हैं। किसानों को योजना की अंतिम तिथि से पहले आवेदन करना होगा।
ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन
किसान ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:
- ऑनलाइन पोर्टल पर जाएं और रजिस्टर करें।
- अपने व्यक्तिगत और कृषि-संबंधी विवरण भरें।
- आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन जमा करें।
इस प्रक्रिया के माध्यम से, किसान झारखंड मिलेट मिशन योजना के लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
“झारखंड की जलवायु मिलेट की खेती के लिए उपयुक्त है और मिलेट्स पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।”
Jharkhand Millet Mission Yojana
The “Jharkhand Millet Mission Yojana” is a big plan by the Government of Jharkhand. It aims to help farmers grow millets like Ragi and Mandua. The goal is to support farmers financially.
This mission has a budget of 50 crore rupees to increase millet production. The state’s agriculture budget has gone up by 11.84%. It now stands at around 4627 crore rupees. The plan is to officially produce more Jowar and Ragi.
Eligible farmers get money based on how much land they use for millets. They get ₹3000 for 1 acre and ₹15000 for 5 acres. To qualify, farmers must live in Jharkhand, own land for millets, be over 18, and have less than 5 acres.
Land Size | Financial Assistance |
---|---|
1 acre | ₹3000 |
2 acres | ₹6000 |
3 acres | ₹9000 |
4 acres | ₹12000 |
5 acres | ₹15000 |
To apply online, you need an Aadhaar card and land documents. The government puts the money directly into the farmers’ bank accounts.
This mission wants to grow more millet and help farmers earn more. It will help small farmers in Jharkhand until 2028.

“The Jharkhand Millet Mission Yojana is a game-changer for our state’s farmers, providing them with the necessary support to cultivate nutritious millets and improve their livelihoods.”
निष्कर्ष
झारखंड मिलेट मिशन योजना एक महत्वपूर्ण पहल है। इसका उद्देश्य राज्य में मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देना है। यह योजना किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का काम करती है।
इस योजना के तहत, किसानों को मिलेट्स की खेती के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। वे वित्तीय सहायता भी प्राप्त करेंगे। इससे उनकी आय बढ़ेगी।
राज्य में पोषक मूल्य वाले मोटे अनाज का उत्पादन भी बढ़ेगा।
झारखंड मिलेट मिशन योजना किसानों को वित्तीय सहायता देती है। यह उन्हें मोटे अनाज की खेती करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
इससे किसानों की आय बढ़ेगी। राज्य में पोषक मूल्य वाले मिलेट्स का उत्पादन भी बढ़ेगा।
इस योजना के माध्यम से, झारखंड सरकार किसानों को सशक्त बनाने का प्रयास कर रही है। उनकी आजीविका में सुधार लाने का लक्ष्य है।
समग्र रूप से, झारखंड मिलेट मिशन योजना किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का काम करती है। यह योजना झारखंड के किसानों को लाभान्वित करेगी।
राज्य में पोषक मूल्य वाले अनाज के उत्पादन में वृद्धि होगी।
FAQ
क्या है झारखंड मिलेट मिशन योजना?
झारखंड सरकार ने एक बड़ी योजना शुरू की है। इसका उद्देश्य किसानों को मोटे अनाज की खेती के लिए प्रोत्साहित करना है। साथ ही, उन्हें आर्थिक मदद भी दी जाएगी।
इस योजना के तहत किन मुख्य मिलेट्स की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है?
रागी, लज्जवंती (फॉक्सटेल बाजरा), मंडुवा, बाजरा, कोदो और जंगोरा की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
झारखंड मिलेट मिशन योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को मोटे अनाज की खेती के लिए प्रोत्साहित करना है। यह उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए है।
इससे किसानों की आय बढ़ेगी और राज्य में मोटे अनाज का उत्पादन भी बढ़ेगा।
झारखंड में मिलेट की खेती का क्या महत्व है?
झारखंड की जलवायु मिलेट की खेती के लिए बहुत उपयुक्त है। मिलेट्स पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।
इन्हें कम जल की आवश्यकता होती है, इसलिए इनकी खेती बहुत महत्वपूर्ण है।
इस योजना के लाभ के लिए किसानों को क्या पात्रता मानदंड पूरा करने होंगे?
झारखंड के किसान जिनके पास 1 एकड़ से 5 एकड़ तक भूमि है।
और जिनके परिवार के सदस्य सरकारी नौकरी या आयकर दाता नहीं हैं, वे योजना का लाभ उठा सकते हैं।
किसानों को कितनी आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाएगी?
किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से 3,000 रुपये से 15,000 रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
इस योजना के लाभार्थी बनने के लिए किसानों को कौन-से दस्तावेज जमा करने होंगे?
किसानों को आधार कार्ड, राशन कार्ड, मोबाइल नंबर, जमीन का विवरण और बैंक पासबुक जमा करना होगा।
झारखंड मिलेट मिशन योजना से किसानों को क्या लाभ होगा?
इस योजना से किसानों को मोटे अनाज की खेती के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
उन्हें आर्थिक सहायता भी मिलेगी, जिससे उनकी आय बढ़ेगी। वे बिना किसी आर्थिक परेशानी के खेती कर सकेंगे।
साथ ही, राज्य में मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा मिलेगा।
किसान इस योजना के लिए कैसे आवेदन कर सकते हैं?
किसान ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों को जमा करना होगा।