Nariyal Palm Bima Yojana (नारियल पाम बीमा योजना) के तहत किसानों को फसल सुरक्षा और आर्थिक सहायता मिलेगी। आवेदन प्रक्रिया और पात्रता की जानकारी यहां प्राप्त करें।
नारियल एक बहुत बड़ी फसल है। यह फसल प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और रोगों से नुकसान हो सकता है। नारियल किसानों को बचाने के लिए भारत सरकार ने “नारियल पाम बीमा योजना” शुरू की है।
यह योजना नारियल उत्पादन सुरक्षा के लिए कृषि बीमा देती है। यह किसानों की आय को सुरक्षित रखती है। साथ ही, यह पुनर्रोपण और पुनरुज्जीवन को भी बढ़ावा देती है।

नारियल पाम बीमा योजना
नारियल पाम बीमा योजना कृषि मंत्रालय के अंतर्गत शुरू की गई है। यह नारियल की खेती को बढ़ावा देने के लिए है। इस योजना से नारियल उत्पादक प्राकृतिक आपदाओं से बच सकते हैं।
इस योजना के तहत, प्रति पाम प्रीमियम 9.00 रुपये है। 4 से 15 वर्ष के लिए। 16 से 60 वर्ष के लिए 14.00 रुपये है।
किसानों को प्रीमियम में 50 से 75% की सब्सिडी मिलती है।
अधिसूचित क्षेत्रों में एकीकृत पैकेज बीमा योजना भी है। यह वित्तीय संरक्षण और जोखिम कवरेज प्रदान करती है।
विवरण | बीमा राशि | प्रीमियम |
---|---|---|
नारियल पाम (4-15 वर्ष) | ₹900 प्रति पेड़ | ₹9 प्रति पेड़/वर्ष |
नारियल पाम (16-60 वर्ष) | ₹1750 प्रति पेड़ | ₹14 प्रति पेड़/वर्ष |
इस योजना में तूफान, चक्रवात, भारी बारिश, बाढ़, जलभराव, कीट और रोग शामिल हैं।
तीन साल के लिए प्रीमियम में 12.5% की छूट है।
आवेदन पत्र यहाँ उपलब्ध है। किसान स्थानीय कृषि विभाग या KVK से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
“नारियल पाम बीमा योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं और बीमारियों के खतरों से सुरक्षा प्रदान करती है, साथ ही उन्हें बैंकों से कर्ज लेने में भी मदद करती है।”
योजना का परिचय
नारियल विकास बोर्ड (Coconut Development Board) एक सांविधिक निकाय है। यह कृषि मंत्रालय के अंतर्गत काम करता है। इसका मुख्य उद्देश्य नारियल की खेती और उद्योग को बढ़ावा देना है।
“नारियल पाम बीमा योजना” इस बोर्ड ने शुरू की है। यह योजना नारियल की खेती को प्राकृतिक आपदाओं और कीट-रोगों से बचाती है।
कृषि मंत्रालय के तहत नारियल विकास बोर्ड द्वारा शुरू की गई
नारियल विकास बोर्ड (CDB) ने “नारियल पाम बीमा योजना” शुरू की है। यह योजना कृषि मंत्रालय के अंतर्गत है।
इस बोर्ड का मुख्य उद्देश्य नारियल की खेती और उद्योग को बढ़ावा देना है।
नारियल की खेती के समेकित विकास को बढ़ावा देना
इस योजना के तहत, नारियल की खेती को नुकसान से बचाया जाता है। यह योजना नारियल की खेती को विकसित करने में मदद करती है।

“नारियल पाम बीमा योजना” का उद्देश्य किसानों की आय को सुरक्षित करना है। यह पुनर्रोपण और पुनरुज्जीवन को भी बढ़ावा देती है।
भूमिका एवं उद्देश्य
नारियल की खेती में कई खतरे होते हैं। जैसे कि जलवायु परिवर्तन, भारी बारिश, और चक्रवात। ये खतरे किसानों की आय को खतरे में डाल सकते हैं।
“नारियल पाम बीमा योजना” का उद्देश्य है कि किसानों को बचाएं। उनकी आय को सुरक्षित रखें और नारियल की खेती को बढ़ावा दें।
प्राकृतिक आपदाओं और कीट-रोगों के खतरों से बचाव
नारियल पाम बीमा योजना किसानों को खतरों से बचाती है। अगर फसल नष्ट हो जाए, तो किसानों को मुआवजा मिलता है।
किसानों की आय को सुरक्षित करना
इस योजना से किसानों की आय सुरक्षित होती है। अगर कोई आपदा होती है, तो वे मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं।
पुनर्रोपण और पुनरुज्जीवन को बढ़ावा देना
ये योजना नारियल की खेती को बढ़ावा देती है। किसानों को मुआवजा मिलता है, जिससे वे नए पौधे लगा सकते हैं।
योजना | लाभ |
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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) | प्रति वर्ष 6000 रुपये का वित्तीय लाभ किसान परिवारों के बैंक खातों में ट्रांसफर |
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (पीएम-केएमवाई) | छोटे और सीमांत किसानों को 60 वर्ष की आयु प्राप्त होने के बाद 3,000/- रुपये मासिक पेंशन |
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) | मांग आधारित और सभी किसानों के लिए उपलब्ध |
ब्याज सहायता योजना (आईएसएस) | छोटे और सीमांत किसानों को रियायती अल्पकालिक कृषि ऋण प्रदान करती है |
इन योजनाओं से किसानों को कृषि में मदद मिलती है। “नारियल पाम बीमा योजना” के उद्देश्यों को पूरा करने में मदद मिलती है।
योग्यता मानदंड
नारियल पाम बीमा योजना के लिए कुछ नियम हैं। सबसे पहले, आपके पास कम से कम 10 स्वस्थ नारियल पेड़ होने चाहिए।
इसके अलावा, बौनी और संकर किस्मों के लिए आयु 4-60 वर्ष है। लंबी किस्मों के लिए आयु 7-60 वर्ष है।
न्यूनतम 10 स्वस्थ फलदायी पेड़
- किसानों के पास कम से कम 10 स्वस्थ और फलदायी नारियल पेड़ होने चाहिए।
- ये पेड़ पूरी तरह से स्वस्थ और फलों से भरपूर होने चाहिए।
- बीमा कवर प्राप्त करने के लिए यह एक अनिवार्य शर्त है।
आयु सीमा
- बौनी और संकर किस्मों के लिए 4-60 वर्ष की आयु सीमा है।
- लंबी किस्मों के लिए 7-60 वर्ष की आयु सीमा निर्धारित है।
- इस आयु सीमा के अंदर के नारियल पेड़ ही बीमा योजना के तहत कवर किए जाते हैं।

“नारियल पाम बीमा योजना के तहत सक्रिय और उत्पादक नारियल पेड़ों को ही बीमा कवर प्रदान किया जाता है।”
परिरक्षा क्षेत्र
“नारियल पाम बीमा योजना” कुछ जिलों और क्षेत्रों में लागू है। यहां नारियल की खेती होती है। सभी नारियल के पेड़ों का अनिवार्य बीमा किया जाता है।
इस तरह किसानों को प्राकृतिक आपदाओं और अन्य खतरों से सुरक्षा मिलती है।
चयनित जिलों/क्षेत्रों में लागू
नारियल विकास बोर्ड ने कई राज्यों में नारियल उत्पादन क्षेत्रों को चुना है। “नारियल पाम बीमा योजना” इन क्षेत्रों में लागू है।
इन क्षेत्रों के नारियल किसानों को संरक्षण और सहायता देने का उद्देश्य है।
सटे क्षेत्र में सभी पेड़ों का बीमा अनिवार्य
योजना के तहत, चुने हुए क्षेत्रों में सभी नारियल पेड़ों का बीमा अनिवार्य है।
यह कदम किसानों की आय को सुरक्षित करने के लिए है। यह पुनर्रोपण और पुनरुज्जीवन को भी बढ़ावा देता है।
नारियल विकास बोर्ड की “नारियल पाम बीमा योजना” किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
यह योजना देश के नारियल उत्पादन क्षेत्रों में सुरक्षा प्रदान करती है। सभी नारियल पेड़ों का बीमा अनिवार्य है।
नारियल पाम बीमा योजना के अंतर्गत कवरेज
नारियल पाम बीमा योजना के तहत किसानों के नारियल पेड़ों को खतरों से बचाया जाता है। वे अपने पेड़ों का बीमा करा सकते हैं। इससे वे खतरों से सुरक्षित हो जाते हैं।
प्राकृतिक आपदाएं
इस योजना में तूफान, चक्रवात, भारी बारिश, बाढ़ और जलभराव के नुकसान कवर किए जाते हैं। नारियल पेड़ों को इन खतरों से बचाया जाता है।
कीट और रोग प्रकोप
बीमा योजना में कीट और रोगों के प्रकोप के नुकसान भी शामिल हैं। किसान अपने पेड़ों को इन खतरों से बचा सकते हैं।
अन्य प्राकृतिक आपदाएं
आकस्मिक आग, भूकंप, भूस्खलन जैसी अन्य आपदाओं के नुकसान भी कवर किए जाते हैं। किसान अपने पेड़ों को इन खतरों से बचा सकते हैं।
नारियल पाम बीमा योजना के तहत किसानों को प्राकृतिक आपदाओं और कीट-रोगों से बचाव मिलता है। यह उनकी आय को सुरक्षित रखता है। यह योजना उनके पुनर्रोपण को भी बढ़ावा देती है।

कवरेज | विवरण |
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प्राकृतिक आपदाएं | तूफान, चक्रवात, भारी बारिश, बाढ़, जलभराव |
कीट और रोग प्रकोप | व्यापक कीट और रोगों से होने वाला नुकसान |
अन्य आपदाएं | आकस्मिक आग, भूकंप, भूस्खलन |
नारियल पाम बीमा योजना के तहत किसानों को व्यापक सुरक्षा मिलती है।
बीमित राशि और प्रीमियम
नारियल पाम बीमा योजना के तहत किसानों को नारियल पेड़ों के लिए विभिन्न बीमित राशि और प्रीमियम की सुविधा मिलती है। इस योजना में आयु के आधार पर दो श्रेणियां हैं।
- आयु 4-15 वर्ष: ₹900 प्रति पेड़, ₹9 प्रीमियम 4 से 15 वर्ष की आयु वाले नारियल पेड़ों के लिए बीमित राशि ₹900 है। प्रीमियम ₹9 है।
- आयु 16-60 वर्ष: ₹1750 प्रति पेड़, ₹14 प्रीमियम 16 से 60 वर्ष की आयु वाले नारियल पेड़ों के लिए बीमित राशि ₹1750 है। प्रीमियम ₹14 है।
इस योजना से किसानों को आयु के आधार पर सही बीमित राशि और प्रीमियम मिलता है। इससे उन्हें प्राकृतिक आपदाओं और कीट-रोगों से बचाव मिलता है। उनकी आय सुरक्षित रहती है।
बीमा अवधि
नारियल पाम बीमा योजना के तहत, बीमा कवर हर साल नवीनीकरण योग्य है। किसान अधिकतम 3 वर्ष तक का बीमा ले सकते हैं। कुछ विशेष परिस्थितियों में यह अवधि और भी बढ़ाई जा सकती है।
हर साल, नारियल पाम बीमा कवर नवीनीकरण की आवश्यकता होती है। किसानों को हर साल अपना बीमा नवीनीकरण करना होता है। इससे वे लगातार सुरक्षा प्राप्त करते हैं।
अधिकतम 3 वर्ष की बीमा अवधि
इस योजना के तहत, किसान 3 वर्ष तक का बीमा कवर प्राप्त कर सकते हैं। कुछ विशेष परिस्थितियों में यह अवधि और भी बढ़ाई जा सकती है।

“नारियल पाम बीमा योजना के तहत किसानों को वार्षिक रूप से अपना बीमा कवर नवीनीकरण कराना होता है। साथ ही, वे अधिकतम 3 वर्ष तक का बीमा कवर प्राप्त कर सकते हैं।”
आवेदन प्रक्रिया
नारियल पाम बीमा योजना में शामिल होने के लिए, किसान या उत्पादक कृषि विभाग या बीमा एजेंटों के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। इसमें कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जरूरत होती है। जैसे पहचान प्रमाण, भूमि का रिकॉर्ड और बागान का नक्शा।
कृषि/बागवानी विभाग या बीमा एजेंटों के माध्यम से
नारियल पाम बीमा योजना के लिए, किसान या उत्पादक कृषि विभाग या बीमा एजेंटों के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। वे अपने स्थानीय कार्यालय या बीमा एजेंटों से संपर्क करके प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।
आवश्यक दस्तावेज
- पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर ID आदि)
- भूमि रिकॉर्ड
- बागान का नक्शा
इन दस्तावेजों के साथ आवेदन करने से नारियल पाम बीमा योजना के लाभ मिलेंगे। नारियल बीमा आवेदन के लिए बीमा एजेंट की मदद ली जा सकती है।
“नारियल पाम बीमा योजना किसानों और उत्पादकों को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान करती है और उनकी आय को सुरक्षित करने में मदद करती है।”
निष्कर्ष
नारियल पाम बीमा योजना (CPIS) नारियल उत्पादकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं और कीट-रोगों से बचाव करती है।
यह उनकी आय को सुरक्षित रखती है। इसके अलावा, यह नारियल की खेती को बढ़ावा देती है।
कृषकों को इस नारियल बीमा योजना सारांश का लाभ उठाना चाहिए। इससे उनके नारियल पेड़ों की सुरक्षा होगी।
इस योजना के तहत, कृषि मंत्रालय और नारियल विकास बोर्ड किसानों को प्रीमियम सब्सिडी देते हैं। किसान केवल कुछ प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करते हैं।
इस तरह, नारियल बीमा योजना सारांश किसानों के लिए फायदेमंद है।
कृषकों को अपने स्थानीय कृषि कार्यालय या बीमा एजेंटों के माध्यम से योजना का लाभ उठाना चाहिए। इससे उनका नारियल उत्पादन सुरक्षित रहेगा।
इस तरह, नारियल बीमा योजना सारांश उनके लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।
FAQ
क्या नारियल एक बहुवर्षीय फसल है?
हाँ, नारियल एक बहुवर्षीय फसल है।
नारियल खेती को किन प्राकृतिक और कृषि जोखिमों का सामना करना पड़ता है?
नारियल खेती को कई जोखिम होते हैं। जैसे कि जलवायु परिवर्तन और भारी बारिश।
चक्रवात, कीट-रोग भी एक बड़ा खतरा है।
नारियल पाम बीमा योजना क्या है?
यह भारत सरकार की एक योजना है। नारियल विकास बोर्ड द्वारा लागू की गई है।
यह योजना नारियल उत्पादकों को सुरक्षा प्रदान करती है।
नारियल पाम बीमा योजना के क्या उद्देश्य हैं?
इसका मुख्य उद्देश्य नारियल कृषकों की सुरक्षा है।
यह उनकी आय को सुरक्षित रखने में मदद करती है।
इसके अलावा, यह नारियल की खेती को बढ़ावा देती है।
नारियल पाम बीमा योजना के तहत किसानों के लिए क्या मानदंड निर्धारित किए गए हैं?
किसानों के पास न्यूनतम 10 स्वस्थ नारियल पेड़ होने चाहिए।
बौनी और संकर किस्मों के लिए आयु सीमा 4-60 वर्ष है।
लंबी किस्मों के लिए आयु सीमा 7-60 वर्ष है।
नारियल पाम बीमा योजना कहाँ लागू की जाती है?
यह योजना नारियल की खेती वाले क्षेत्रों में लागू होती है।
इन क्षेत्रों में सभी नारियल पेड़ों का बीमा होता है।
नारियल पाम बीमा योजना के तहत किन खतरों से बीमा कवर प्रदान किया जाता है?
इस योजना के तहत कई खतरों से बचाव होता है।
जैसे कि तूफान, चक्रवात, और भारी बारिश।
बाढ़, जलभराव, और व्यापक कीट-रोग भी शामिल हैं।
नारियल पाम बीमा योजना के तहत बीमित राशि और प्रीमियम क्या है?
आयु 4-15 वर्ष के नारियल पेड़ों के लिए बीमित राशि ₹900 है।
प्रीमियम ₹9 है। आयु 16-60 वर्ष के लिए बीमित राशि ₹1750 है।
प्रीमियम ₹14 है।
नारियल पाम बीमा योजना के तहत बीमा अवधि क्या है?
बीमा अवधि वार्षिक आधार पर होती है।
किसान अधिकतम 3 वर्ष तक का बीमा ले सकते हैं।
कुछ स्थितियों में यह अवधि बढ़ाई जा सकती है।
नारियल पाम बीमा योजना के तहत आवेदन कैसे किया जा सकता है?
आवेदन कृषि/बागवानी विभाग या बीमा एजेंटों के माध्यम से किया जा सकता है।
आवेदन के लिए पहचान प्रमाण और भूमि रिकॉर्ड की आवश्यकता होती है।