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Vayapak Hastshilp Cluster Vikas Karyakram Yojana | व्यापक हस्तशिल्प क्लस्टर विकास कार्यक्रम योजना: कारीगरों के विकास और सशक्तिकरण के लिए विशेष पहल, जानें कैसे करें आवेदन!

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Vayapak Hastshilp Cluster Vikas Karyakram Yojana (व्यापक हस्तशिल्प क्लस्टर विकास कार्यक्रम योजना) के तहत कारीगरों को सशक्तिकरण और विकास के अवसर मिलेंगे।

देश के दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले गरीब कारीगरों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए, वस्त्र मंत्रालय ने एक योजना शुरू की है। इस योजना का नाम है ‘व्यापक हस्तशिल्प क्लस्टर विकास कार्यक्रम योजना’ (Comprehensive Handicrafts Cluster Development Scheme – CHCDS)।

यह योजना एसएमई और क्लस्टर विकास के माध्यम से हस्तशिल्प क्षेत्र में विश्वस्तरीय क्षमता विकसित करने पर केंद्रित है।

इस कार्यक्रम के तहत, आधुनिक बुनियादी ढांचा, नवीनतम प्रौद्योगिकी और प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इससे उत्पादन और निर्यात बढ़ाए जाएंगे।

कारीगरों और उद्यमियों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी।

व्यापक हस्तशिल्प क्लस्टर विकास कार्यक्रम योजना का परिचय

भारत का हस्तशिल्प क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण है। यह देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा है। इसमें लाखों कारीगर और छोटे-मध्यम उद्यम (एसएमई) काम करते हैं।

वे देश के उत्पादन और निर्यात में बड़ा योगदान देते हैं। लक्ष्य और उद्देश्य यह है कि वे वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनें।

इस योजना के हितधारक कारीगर, निर्माता, आपूर्तिकर्ता, खरीदार और संघ/स्वयं सहायता समूह हैं। वे सभी मिलकर काम करते हैं।

उनका उद्देश्य उत्पादन, बाजार पहुंच और वित्तीय सुविधाओं में सुधार करना है।

इस योजना के तहत, कारीगरों और एसएमई को मदद मिलती है। उन्हें आधुनिक तकनीक, प्रशिक्षण और मानव संसाधन विकास सहायता मिलती है।

उन्हें बेहतर बुनियादी ढांचे और सुविधाएं भी मिलती हैं। इससे वे अपने उत्पादन और निर्यात बढ़ा सकते हैं।

“भारतीय हस्तशिल्प के निर्यात में पिछले पांच वर्षों में 40% से अधिक की वृद्धि हुई है।”

इस योजना से कारीगरों और एसएमई सशक्त और प्रतिस्पर्धी बनते हैं। वे अपने उत्पादों को वैश्विक बाजारों में बेच सकते हैं।

स्वीकृत विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी)

एक विशेष उद्देश्य वाहन (एसपीवी) के लिए एक कानूनी इकाई बनाई जाएगी। यह इकाई एक कंपनी होगी। इसमें कई हितधारक शामिल होंगे।

इन हितधारकों में प्रमुख निर्माता, आपूर्तिकर्ता, खरीदार और कारीगर संघ/स्वयं सहायता समूह शामिल हैं।

एसपीवी का चयन खुली प्रतिस्पर्धा के माध्यम से होगा। यह भारतीय हस्तशिल्प क्षेत्र को पारदर्शी और जवाबदेह बनाएगा।

मुख्य विशेषताएंविवरण
कानूनी इकाईएसपीवी एक कानूनी इकाई होगी, जिसमें हितधारकों की भागीदारी होगी।
हितधारकप्रमुख निर्माता, आपूर्तिकर्ता, खरीदार और कारीगर संघ/स्वयं सहायता समूह।
चयन प्रक्रियाखुली प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से एसपीवी का चयन किया जाएगा।

इस प्रकार, एसपीवी हस्तशिल्प क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कानूनी इकाई और हितधारकों की भागीदारी वाली संरचना प्रदान करेगा। यह पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देगी।

एसपीवी का चयन प्रक्रिया

हस्तशिल्प क्षेत्र में व्यापक विकास के लिए, एसपीवी का चयन बहुत महत्वपूर्ण है। यह चयन दो मुख्य तरीकों से होता है:

खुली प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया

एसपीवी का चयन खुली प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से होता है। इसमें सभी योग्य संस्थाएं भाग ले सकती हैं। बोली के लिए मानदंड होते हैं।

विशेष मामलों में चयन

कुछ विशेष मामलों में, PAMC/सरकार एसपीवी चुनती है। यह इसलिए क्योंकि हस्तशिल्प क्षेत्र असंगठित है। अनुभवी लोग कम होते हैं।

एसपीवी का चयन खुली बोली या विशेष मामलों में होता है। यह परियोजना और अन्य कारकों पर निर्भर करता है। यह सुनिश्चित करता है कि क्लस्टर विकास के लिए सही एसपीवी चुना जाए।

लाभार्थी शामिल हैं

इस योजना के लाभार्थी हैं स्थानीय कारीगर और छोटे-मध्यम एसएमई। यह योजना उनके जीवन में सुधार लाने के लिए है। यह रोजगार के नए अवसर भी खोलती है।

स्थानीय कारीगर

स्थानीय कारीगरों को नई प्रौद्योगिकी और प्रशिक्षण मिलता है। इससे उनकी क्षमता बढ़ती है। उनके आर्थिक स्तर में भी सुधार होता है।

छोटे-मझोले उद्यम (एसएमई)

एसएमई को विश्व स्तरीय सुविधाएं मिलती हैं। इससे उनकी प्रतिस्पर्धा और निर्यात बढ़ता है। उनकी वृद्धि में मदद मिलती है।

इस योजना से हस्तशिल्प क्षेत्र में विकास होगा। स्थानीय कारीगरों और एसएमई को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

लाभार्थीलाभ
स्थानीय कारीगरआधुनिक प्रौद्योगिकी का लाभ प्रशिक्षण और कौशल विकास बाजार कनेक्टिविटी आर्थिक स्तर में सुधार नए रोजगार के अवसर
छोटे-मझोले उद्यम (एसएमई)विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा उन्नत सुविधाएं प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि निर्यात क्षमता में वृद्धि व्यापार और विकास में सहायता

इस प्रकार, स्थानीय कारीगरों और एसएमई को प्रोत्साहित करके हस्तशिल्प क्षेत्र में व्यापक विकास लाने का प्रयास किया जा रहा है।

योजना के लाभ

व्यापक हस्तशिल्प क्लस्टर विकास कार्यक्रम योजना कारीगरों और छोटे-मझोले उद्यमों (एसएमई) को बहुत सारे फायदे देती है। इसमें आधारभूत सर्वेक्षण, कौशल प्रशिक्षण, विपणन कार्यक्रम और बेहतर उपकरण किट शामिल हैं।

बुनियादी ढांचा और सुविधाएं

इस योजना में एम्पोरियम, सामान्य सुविधा केंद्र, कच्चे माल बैंक, व्यापार सामान्य उत्पादन केंद्र, सुविधा केंद्र और डिजाइन तथा संसाधन केंद्र हैं। ये सुविधाएं कारीगरों और एसएमई को मदद करती हैं।

कार्यक्रम और हस्तक्षेप

इस योजना में प्रचार और सेमिनार, क्षमता निर्माण और डिजाइन कार्यशालाएं शामिल हैं। ये कार्यक्रम कारीगरों और एसएमई को मदद करते हैं।

“व्यापक हस्तशिल्प क्लस्टर विकास कार्यक्रम योजना से कारीगरों और एसएमई को कई तरह के लाभ मिलते हैं। यह योजना उनकी क्षमता को बढ़ाने और उनके व्यवसाय को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।”

लाभविवरण
बुनियादी ढांचा और सुविधाएंएम्पोरियम, सामान्य सुविधा केंद्र, कच्चे माल बैंक, व्यापार सामान्य उत्पादन केंद्र, सुविधा केंद्र और डिजाइन तथा संसाधन केंद्र
कार्यक्रम और हस्तक्षेपप्रचार और सेमिनार, क्षमता निर्माण, डिजाइन कार्यशालाएं

आवश्यक दस्तावेज

व्यापक हस्तशिल्प क्लस्टर विकास कार्यक्रम के लिए कुछ दस्तावेज़ चाहिए। इसमें शामिल हैं:

  • विस्तृत परियोजना रिपोर्ट – इसमें क्लस्टर के विकास की योजना और लागत होती है।
  • एसपीवी का विवरण – यह स्वीकृत विशेष प्रयोजन वाहन के बारे में होता है।
  • भूमि/भवन का बिक्री/पट्टा विलेख – यह प्रमाण पत्र बताता है कि काम कहाँ होगा।
  • गैर-कृषि भूमि प्रमाण पत्र – यदि काम गैर-कृषि भूमि पर है, तो यह प्रमाण पत्र है।
  • अनुमोदित लेआउट योजना – यह प्रमाण पत्र परियोजना के लिए अधिकृत नक्शा है।
  • अन्य संबंधित दस्तावेज – जैसे व्यवसाय पंजीकरण, कर दस्तावेज़, इत्यादि।

इन दस्तावेज़ों के साथ आवेदन पत्र भरें। यह सुनिश्चित करें कि सभी दस्तावेज़ पूर्ण और अद्यतन हैं।

“व्यापक हस्तशिल्प क्लस्टर विकास कार्यक्रम के तहत आवश्यक दस्तावेज़ जमा करना महत्वपूर्ण है ताकि परियोजना को सफलतापूर्वक मंजूरी मिल सके।”

आवेदन प्रक्रिया

व्यापक हस्तशिल्प क्लस्टर विकास कार्यक्रम के लिए, ऑफलाइन आवेदन किया जाता है। कपड़ा आयुक्त के कार्यालय में आवेदन देना होता है।

आवेदकों को कई दस्तावेज देने होते हैं। इसमें परियोजना रिपोर्ट, एसपीवी का विवरण, और भूमि का दस्तावेज शामिल हैं।

ऑफलाइन आवेदन

आवेदन देने के लिए, आवेदक को व्यक्तिगत रूप से जाना होता है। आवेदन निष्पादन एजेंसी (ईए) मदद करती है।

आवेदकों को कई दस्तावेज देने होते हैं। इसमें परियोजना रिपोर्ट, एसपीवी का विवरण, और भूमि का दस्तावेज शामिल हैं।

  • विस्तृत परियोजना रिपोर्ट
  • एसपीवी का विवरण
  • भूमि/भवन का बिक्री/पट्टा विलेख
  • गैर-कृषि भूमि प्रमाण पत्र
  • अनुमोदित लेआउट योजना
  • अन्य संबंधित दस्तावेज

इस प्रक्रिया से आवेदक अपना आवेदन दे सकते हैं। वे अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकते हैं।

अहम तिथियां

व्यापक हस्तशिल्प क्लस्टर विकास कार्यक्रम में कुछ महत्वपूर्ण तिथियां हैं। इसमें आवेदन की अंतिम तिथि, जानकारी में गलती सुधारने की अंतिम तिथि और संस्थान द्वारा सत्यापन की अंतिम तिथि शामिल हैं। जल्द ही ये तिथियां अद्यतन की जाएंगी।

इस योजना में और भी महत्वपूर्ण तिथियां हैं। ‘शिल्प दीदी कार्यक्रम’ के तहत 100 महिला कारीगरों को पहचाना गया है। ‘ई-कॉमर्स ऑन-बोर्डिंग’ के माध्यम से उन्हें ऑनलाइन बेचने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

महिला कारीगरों को विपणन के अवसर मिल रहे हैं। ‘मेगा क्लस्टर योजना’ के तहत हस्तशिल्प के केंद्रों को विकसित किया जा रहा है।

इन तिथियों और कार्यक्रमों से महिला कारीगरों और एसएमई को मदद मिल रही है। वे अपने व्यवसाय को बढ़ाने में सक्षम हो रहे हैं।

“अंबेडकर हस्तशिल्प विकास योजना” के तहत, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के हस्तशिल्पकारों को मदद मिल रही है।

इन तिथियों और कार्यक्रमों की जानकारी बहुत उपयोगी है। इसलिए, इन तिथियों का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है।

संपर्क सूत्र

कपड़ा मंत्रालय द्वारा शुरू की गई योजना के बारे में पूछने के लिए, आप भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय से संपर्क कर सकते हैं। आप www.texmin.nic.in पर जाकर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

कपड़ा मंत्रालय को निम्नलिखित पते पर संपर्क किया जा सकता है:

  • कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार
  • उद्योग भवन, रूम नंबर 716
  • रफी मार्ग, नई दिल्ली – 110011
  • फोन: +91-11-23062992
  • ईमेल: [email protected]

आप मंत्रालय के अधिकारियों से भी संपर्क कर सकते हैं। वे आपको इस योजना के बारे में जानकारी देंगे।

“हस्तशिल्प क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए यह एक महत्वपूर्ण पहल है, जो न केवल कारीगरों की आय को बढ़ाएगी, बल्कि उनके जीवनस्तर को भी सुधारेगी।”

इस योजना के माध्यम से, कपड़ा मंत्रालय भारत में हस्तशिल्प क्षेत्र को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

महत्वपूर्ण लिंक

भारत के कपड़ा मंत्रालय की वेबसाइट पर जाएं। वहां आप महत्वपूर्ण योजना के बारे में जानकारी पा सकते हैं। ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया और दिशा-निर्देश भी देखेंगे।

भारत सरकार हस्तशिल्प क्षेत्र में काम कर रही है। यहां कुछ प्रमुख लिंक दिए गए हैं:

  • कपड़ा मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट
  • अम्बेडकर हस्तशिल्प विकास योजना
  • मेगा क्लस्टर योजना
  • विपणन समर्थन और सेवा योजना
  • अनुसंधान और विकास योजना
  • राष्ट्रीय हस्तशिल्प विकास कार्यक्रम

इन लिंकों पर जाकर और जानकारी प्राप्त करें। ऑफलाइन आवेदन के दिशा-निर्देश भी देखें।

निष्कर्ष

व्यापक हस्तशिल्प क्लस्टर विकास कार्यक्रम योजना स्थानीय कारीगरों और छोटे-मध्यम उद्यमों (एसएमई) के लिए एक बड़ा अवसर है। यह उन्हें वैश्विक स्तर के बुनियादी ढांचे और तकनीकी ज्ञान देगा।

उनके उत्पादन और निर्यात क्षमता बढ़ेगी। इससे उनके व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा। वे वैश्विक बाजार में भी प्रतिस्पर्धी बन जाएंगे।

यह पहल भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर सकती है। यह स्थानीय निष्कर्ष और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगी।

यह देश के हस्तशिल्प क्षेत्र के लिए एक बड़ा अवसर है।

इस तरह, यह योजना देश के स्थानीय कारीगरों और एसएमई को मदद करेगी। वे उभरते वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धी बनेंगे।

यह आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने में मदद करेगी।

FAQs

क्या व्यापक हस्तशिल्प क्लस्टर विकास कार्यक्रम योजना का उद्देश्य है?

इस योजना का उद्देश्य देश के दूरदराज के क्षेत्रों को मदद करना है। यह कारीगरों और छोटे-मध्यम उद्यमों को विश्व स्तरीय सुविधाएं देता है।

कौन इस योजना के प्रमुख हितधारक हैं?

इस योजना के प्रमुख हितधारक हैं कारीगर, निर्माता, आपूर्तिकर्ता, खरीदार और संघ/स्वयं सहायता समूह।

क्या है एक स्वीकृत विशेष उद्देश्य वाहन (एसपीवी)?

एसपीवी एक कानूनी इकाई होगी, जैसे कि एक कंपनी। इसमें संबंधित हितधारक भाग लेंगे।

एसपीवी का चयन कैसे किया जाता है?

एसपीवी का चयन खुली प्रतिस्पर्धा से किया जाता है। लेकिन, कुछ मामलों में सरकार का फैसला भी हो सकता है।

इस योजना के प्रमुख लाभार्थी कौन हैं?

स्थानीय कारीगर और छोटे-मध्यम उद्यम (एसएमई) इस योजना के मुख्य लाभार्थी हैं।

इस योजना के तहत क्या लाभ प्रदान किए जाते हैं?

कारीगरों और एसएमई को कई लाभ मिलते हैं। इसमें कौशल प्रशिक्षण, विपणन कार्यक्रम और बेहतर उपकरण शामिल हैं।

इस योजना के लिए कौन से दस्तावेज जमा करने होते हैं?

आवेदन के लिए कई दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। इसमें परियोजना रिपोर्ट और भूमि/भवन का दस्तावेज शामिल हैं।

आवेदन प्रक्रिया कैसी है?

आवेदन प्रक्रिया ऑफलाइन है। आवेदन कपड़ा आयुक्त के कार्यालय में जमा किया जाता है।

इस योजना से संबंधित महत्वपूर्ण तिथियां क्या हैं?

आवेदन की अंतिम तिथि, जानकारी सुधारने की तिथि और सत्यापन की तिथि महत्वपूर्ण हैं।

इस योजना से संबंधित किस प्रकार की जानकारी प्राप्त की जा सकती है?

जानकारी के लिए कपड़ा मंत्रालय से संपर्क करें। आप आधिकारिक वेबसाइट पर भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

इस योजना से संबंधित महत्वपूर्ण लिंक कहां से प्राप्त की जा सकती हैं?

महत्वपूर्ण लिंक के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। वहां आप ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया और दिशा-निर्देश पाएंगे।

Author

  • Sunny Shah

    My name is Sunny Shah, and I am a professional content writer with 3 years of experience specializing in the Education and Vacancy, Tech categories. I am deeply passionate about exploring new advancements in the technical industry and love sharing my knowledge and experiences on Biharhelp.com.in.

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